Manu bhakher

मनु भाकर (जन्म: 18 फ़रवरी 2002) ने ओलंपिक की एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. 2018 के आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में उन्होंने भारत के लिए दो स्वर्ण पदक जीते. इस प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाली वे भारत की सबसे कम उम्र की महिला हैं. मनु ने महज 16 साल की उम्र में 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में एयर पिस्टल स्पर्धा में दो स्वर्ण जीते हैं. 2020 में उन्हें प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.

व्यक्तिगत जीवन

मनु का जन्म हरियाणा के झज्जर ज़िले के गोरिया गाँव में हुआ हैं. इनके पिता मरीन इंजीनियर और माँ स्कूल में प्रिंसिपल हैं. ये बचपन में निशानेबाजी के साथ मुक्केबाज़ी, एथलेटिक्स, स्केटिंग और जूडो कराटे भी खेलती थीं. जब मनु की उम्र 18 साल से कम थी तब उनके पिता ने अपनी नौकरी छोड़ दी और अपनी लाइसेंसी पिस्टल के साथ बेटी को प्रशिक्षण के लिए छोड़ने जाने लगे. किसी नाबालिग के लिए सार्वजनिक परिवहन में यात्रा के दौरान पिस्टल साथ ले जाना अवैध है.manu भाकर को 2012 ओलंपिक के बाद गठित किए गए राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन और भारतीय खेल प्राधिकरण (sai) से मदद मिली. इनके कार्यक्रमों में व्यक्तिगत कोच रखने की नई व्यवस्था शुरू की गई जिसमें जाने माने शूटर को कोच रखा जाता है. भाकर को भारत के प्रतिष्ठित शूटर जसपाल राणा ने कोचिंग दी

खेल जीवन और उपलब्धियाँ

साल 2017 में मनु ने केरल में नैशनल चैंपियनशिप में नौ स्वर्ण पदक जीतकर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया. इसी वर्ष एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में भाकर ने रजत पदक अपने नाम किया. मैक्सिको के गुआदालाजरा में 2018 अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट शूटिंग वर्ल्ड कप के 10 मीटर एयर पिस्टल फ़ाइनल में, भाकर ने दो बार के चैंपियन अलेजांद्रा ज़वाला को हराया. इस जीत से वे वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गईं. उन्होंने 2018 में आईएसएसएफ़ जूनियर विश्व कप में भी डबल स्वर्ण जीता. उसी वर्ष, 16 साल की उम्र में, उन्होंने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता, अपने स्कोर के साथ साथ उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में एक नया रिकॉर्ड भी स्थापित कर किया. मई 2019 में, मनु ने म्यूनिख आईएसएसएफ़ विश्व कप में चौथे स्थान पर रहने के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 2021 टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया.अगस्त 2020 में मनु भाकर को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने एक वर्चुअल पुरस्कार समारोह में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया.